PM Internship Yojana: पीएम इंटर्नशिप का दूसरा चरण 1 अगस्त से शुरू, 7 लाख युवाओं को मिलेगा इंटर्नशिप

केंद्र सरकार द्वारा युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PM Internship Yojana) का दूसरा चरण यानी पीएम इंटर्नशिप-II 1 अगस्त 2025 से शुरू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य देश के लाखों युवाओं को इंडस्ट्री आधारित अनुभव प्रदान करना है, जिससे उन्हें भविष्य में नौकरियों के लिए बेहतर अवसर मिल सकें।

योजना का उद्देश्य और विस्तार

सरकार ने इस योजना को देश के टॉप 500 उद्योगों से जोड़ने की योजना बनाई है और इसका लक्ष्य 2025-26 तक 7 लाख युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना है। यह संख्या पहले चरण की तुलना में कई गुना अधिक है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार इस योजना को और भी व्यापक बनाना चाहती है।

पहले चरण में जिन छात्रों की भागीदारी कम रही थी, उनके अनुभव के आधार पर अब योजना में सुधार किया गया है। अब यह योजना पूरे वर्ष भर लागू रहेगी जिससे छात्रों को किसी भी समय ऑनलाइन आवेदन करने और इंटर्नशिप पाने का अवसर मिलेगा।

इंटर्नशिप की प्रक्रिया और स्टाइपेंड

इस योजना के तहत छात्रों को स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप के अवसर दिए जाएंगे। उन्हें सरकारी व निजी क्षेत्र की कंपनियों में प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि इंटर्नशिप के दौरान युवा वास्तविक कार्य का अनुभव लें और उन्हें इसके लिए उचित स्टाइपेंड भी मिले।

  • पहले चरण में औसतन ₹15,000 तक का स्टाइपेंड छात्रों को मिला था।
  • कुछ छात्रों को ₹40,000 से ₹45,000 तक का स्टाइपेंड भी मिला, खासकर उन्हें जिनकी भर्ती पहले चरण में हुई थी।
  • केंद्र सरकार ₹5,000 तक का योगदान दे रही थी और बाकी राशि कंपनी देती थी।

पहले चरण में क्या हुआ?

पीएम इंटर्नशिप योजना के पहले चरण में 60,000 से ज्यादा छात्रों को इंटर्नशिप का प्रस्ताव दिया गया था। इनमें से 28,000 प्रस्तावों को मंजूरी मिली और लगभग 8,700 छात्रों ने सक्रिय रूप से इंटर्नशिप की शुरुआत की। हालांकि, पहले चरण में कुछ कमियों को भी देखा गया जैसे:

  • कई कंपनियां तय समय पर छात्रों की भर्ती नहीं कर पाईं।
  • केवल 45 दिन का समय दिया गया था, जिससे प्रक्रियाएं जल्दी में करनी पड़ीं।
  • 82,000 से ज्यादा प्रस्ताव दिए गए लेकिन 28,000 को ही अंतिम रूप से स्वीकृति मिली।

क्या होगा नए चरण में नया?

  • इस बार इंटर्नशिप की अवधि साल भर होगी, जिससे छात्र जब चाहें आवेदन कर सकेंगे।
  • चयन प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाया जाएगा ताकि देरी न हो।
  • अधिक कंपनियों को जोड़ा जाएगा ताकि ज्यादा युवाओं को अवसर मिले।
  • पहले के अनुभव के आधार पर डिजिटल प्रक्रिया को और सशक्त किया जाएगा।

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